Tuesday 14 January 2014

ज़िन्दगी की धूप ने
जब भी तड़पाया
तुम्हारी यादों कि छाव में
तब दिल मुस्काया
थका दिया अकेलेपन
के सफ़र ने जब कभी
तुम्हारे ख्वाबों के स्पर्श ने तब
पंखा है झलाया
दूरियों के दौर लम्बे है
बहुत लम्बे, मगर
तुम्हारी चाहतों ने हर
पल मुझे है रिझाया
झंझटों ने जब दिन के
क़रार छीन लिए
तुम्हारी प्यार की छाव ने
मुझे गहरी नींद सुलाया
अलग़ नहीं तक़दीर हमारी
ज़िन्दगी ने कितना है
जतलाया
न माने ज़माना परवाह नहीं
तुम मेरे हो, दिल ने अब
मुझे भी यही बतलाया……

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