Tuesday 2 July 2013

एक गीत लिखा है मैंने .....

एक गीत लिखा है मैंने
तेरे मेरे प्यार का
पानी और आग का
तेरे मेरे साथ का
जैसे मिले चंदा चाँदनी से
मिलन उस रात का
रिमझिम पहली फुहार का
महकती बहार का
शहनाई की तान का
मेरे ऐतबार का
तेरे इज़हार का

एक गीत लिखा है मैंने
तेरी मेरी मुलाकात का
ज़ज्बातों के सैलाब का
नजरो की गुफ्तगू का
शर्म और लाज का
तेरे रूठने पर मेरे मनाने का
अपनी दिल्लगी सी बात का
मेरे विश्वास का
तेरे अधिकार का

एक गीत लिखा है मैंने
तेरे हर सवाल का
मेरे नपते जवाब का
रिश्तों की आन का
बेमतलब की शान का
मेरे पल पल की बेगुनाही का
तेरी पलटती जबान का
मेरे टूटते सपनो का
तेरे छूटते अपनों का

एक गीत लिखा है मैंने
तेरी मेरी जुदाई का
यादों की रजाई का
अपने बिखरे जहान का
घुटते सांसों के गुबार का
बिलखते एहसासों का
मुरझाते अरमानो का
मेरे रोती हुई हर रात का
मुझे भूलते तेरे हर दिन का
एक गीत लिखा है मैंने 
तेरे मेरे प्यार का .......

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