मुझसे पूछो कैसा है वो
हमसफर हमसाया है वो
नर्म छाओं सा गर्म एहसास सा वो
मदहोश मंद खुशबु सा वो
मेरी सोती आँखों में जगता खुआब सा वो
छुपती शर्माती लाज्रती उनसे मेरी हया सा वो
मेरे अपने मन का चोर, मेरे दिल का शेहजादा सा वो
मेरे अकेलेपन का सोदागर सा वो ........
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